Tarot Card Reading: क्या सच में हम भविष्य जान सकते हैं, जानें टैरो कार्ड रीडिंग क्यों है खास
Tarot Card Reading: टैरो वास्तव में चित्रों के माध्यम से भविष्य जानने की कला है. जिस तरह से हाथों की रेखाओं या कुंडली के द्वारा ज्योतिष शास्त्र में भविष्य जाना जाता है. Tarot Card Reading: टैरो कार्ड रिडिंग लोगों के बीच कौतुहल का विषय रहता है. कुछ लोगों को हैरानी होती है कि कैसे टैरो […] The post Tarot Card Reading: क्या सच में हम भविष्य जान सकते हैं, जानें टैरो कार्ड रीडिंग क्यों है खास appeared first on Prabhat Khabar.
Tarot Card Reading: टैरो वास्तव में चित्रों के माध्यम से भविष्य जानने की कला है. जिस तरह से हाथों की रेखाओं या कुंडली के द्वारा ज्योतिष शास्त्र में भविष्य जाना जाता है.
Tarot Card Reading: टैरो कार्ड रिडिंग लोगों के बीच कौतुहल का विषय रहता है. कुछ लोगों को हैरानी होती है कि कैसे टैरो कार्ड से भविष्य के बारे में छिपे हुए सच को उजागर करते है? उन्हें इससे अधिक आश्चर्य की बात यह है कि एक सही कार्ड कैसे दिखाई देता है और उस विशेष प्रश्न का उत्तर देता है?
क्या टैरो कार्ड्स में भविष्य दिखता है
हम सभी इस बात को जानते और मानते हैं तथा विज्ञान ने भी यह सिद्ध किया है कि सभी पदार्थों में ऊर्जा हैं चाहे वह जीवित हों या मृत. इसी प्रकार मनुष्य भी ऊर्जा का ही एक रूप है. हमारे आसपास का वातावरण हमारे भीतर ऊर्जा का संचार करता है. और हम उन्हीं उर्जा की ओर आकर्षित होते हैं जो हमारे आसपास की घटनाओं द्वारा उत्सर्जित होती है.
कितने प्रतिशत सही होती है टैरो कार्ड रीडिंग
यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रश्नकर्ता की मन:स्थिति कितनी अनुकूल है. अगर कार्ड उठाते समय कोई परेशानी है, संदेह या उद्वीग्नता है तो कार्ड भी कन्फ्यूजिंग आ सकता है. जरूरी है कि कार्ड पिक करते समय व्यक्ति एकदम ब्लैंक यानी कोरे कागज की तरह हो. बिना किसी आशंका और पूर्वाग्रह के पवित्र भाव से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर 90 प्रतिशत सही होता है.
केवल एक अनुभवी टैरो रीडर ही आपकी स्थिति का वर्णन कर सकता है और 78 टैरो कार्ड को अच्छी तरह समझ सकता है. तभी वह संकेतों को समझ सकता है और आपके सवालों का जवाब दे सकता है. कुल मिलाकर, जब आप अपने भीतर की दुनिया को जानना चाहते हैं और भविष्य के लिए दिशा जानना चाहते हैं तो टैरो रीडर आपकी मदद कर सकता है.
टैरो रीडिंग का इतिहास
अगर हम जब टैरो कार्ड के इतिहास की बात करें तो ज्योतिष की इस विधा की शुरुआत लगभग 2 हजार साल पहले हुई थी. सेल्टिक नामक देश के लोगों द्वारा सर्वप्रथम इस विद्या से भविष्य जानने का प्रयास किया जाता था. मान्यताओं के अनुसार यह विद्या 1971 से अधिक प्रचलन में आई, जब इटली में मनोरंजन के माध्यम के तौर पर अपनाया गया था. इसके बाद टैरो कार्ड रीडिंग की यह विद्या इंग्लैंड व फ्रांस में भी बहुत लोकप्रिय हो गई. वर्तमान समय में टैरो कार्ड रीडिंग का प्रचलन भारत में काफी बढ़ चुका है.
माना जाता है कि 1971 से पहले टैरो कार्ड सिर्फ सामान्य पत्ते खेलने के लिए प्रयोग किये जाते थे. इसके बाद इनका प्रयोग ज्योतिष और भविष्य को जानने के लिए किया जाने लगा. टैरो कार्ड के अंतर्गत दो लोगों का होना अनिवार्य है. प्रथम प्रश्नकर्ता और दूसरा रीडर. इस विधा में जो व्यक्ति प्रश्नकर्ता होता है, वही कार्ड को फेंटता है. इसके पश्चात कार्ड रीडर इन कार्ड्स को एक नियमित क्रम देता है. तत्पश्चात प्रत्येक कार्ड से एक के बाद एक क्रम से भविष्य में होने वाली घटनाओं का उत्तर देता है. कार्ड रीडर पहले कार्ड में निहित अर्थ को स्वयं समझता है, फिर प्रश्नकर्ता के प्रश्नों का उत्तर देता है. ज्योतिष की यह विद्या आस्था और विश्वास पर आधारित है. यदि प्रश्नकर्ता को इस विद्या पर विश्वास नहीं है, तो उसे इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस विद्या को कुछ लोग अविश्वास की नजरों से देखते हैं, परन्तु इस बात में कोई संदेह नहीं है कि टैरो कार्ड विद्या का प्रयोग भविष्य को जानने के लिए किया जा सकता है.
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